सच क्या है ?




"धर्म या मजहब का असली रूप क्या है ? मनुष्य जाती के
शैशव की मानसिक दुर्बलताओं और उस से उत्पन्न मिथ्या
विश्वाशों का समूह ही धर्म है , यदि उस में और भी कुछ है
तो वह है पुरोहितों, सत्ता-धारियों और शोषक वर्गों के
धोखेफरेब, जिस से वह अपनी भेड़ों को अपने गल्ले से
बाहर नहीं जाने देना चाहते" राहुल सांकृत्यायन



















Saturday, July 2, 2011

इन्सां हूँ मै !


सबसे ये कहता हूँ की इन्सां हूँ मै!
न सिख, न यहूदी, न क्रिसताँ हूँ मैं !!
दौरे नादाँ ने मुझको काफ़िर जाना!
और काफ़िर ये समझता है की मुसलमाँ हूँ मै...

........................शकील 'प्रेम'

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