सच क्या है ?




"धर्म या मजहब का असली रूप क्या है ? मनुष्य जाती के
शैशव की मानसिक दुर्बलताओं और उस से उत्पन्न मिथ्या
विश्वाशों का समूह ही धर्म है , यदि उस में और भी कुछ है
तो वह है पुरोहितों, सत्ता-धारियों और शोषक वर्गों के
धोखेफरेब, जिस से वह अपनी भेड़ों को अपने गल्ले से
बाहर नहीं जाने देना चाहते" राहुल सांकृत्यायन



















बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के विचार

AMBEDKAR SANDESH
१. तुम्हीं भारत के मूलनिवासी और सहोदर भाई हो |
२. तुम्हीं को इससे पहले अनार्य,असुर,राक्षस,शुद्र,अचुत और अब दलित या हरिजन कहा जाता है |
३. आर्यों और अनार्यों के युद्ध मैं तुमारी हार का परिणाम तुमारी गुलामी है |
४. समस्त भारत भूमि तुम्हारे पूर्वजों की धरोहर है |
५. तुम्ही इसके सच्चे और सही उतराधिकारी हो |
६. तुम्हें बलात गुलाम बनाया गया है |
७. तुम्हारे धन और धरती पर बलात कब्ज़ा किया गया है |
८. तुम्हारी सभ्यता, संस्कृति, साहित्य, इतिहास,और धर्म नष्ट कर दिया गया है|
९. तुम्हें धर्म का भी गुलाम बना लिया गया है
१०. तुम हिन्दू कभी नहीं थे, तुम आज भी हिन्दू नहीं हो
११. तुम हिन्दू धर्म के गुलाम हो
१२. हिन्दू धर्म छोडना धर्म परिवर्तन नहीं बल्कि गुलामी की जंजीरे तोडना है |
१३. इसे वीर ही कर सकते है , तुम्हारे पूर्वज वीर थे
१४. तुहारी रगों मैं उनका खून है इसे पहचानो
१५. शिक्षित बनो,संगठित रहो,संघर्ष करो विजय तुमारी है
१६. जाती के अधर पर किसी को ऊँचा मानना पाप है और नीचा मन्ना महापाप
१७. हिन्दू धर्म की आत्मा वर्ण जाती और ब्रह्मण हितेषी कर्मकांडो मैं है |
१८. वर्ण और जाती के बिना हिन्दू धर्म की कल्पना ही नहीं की जा सकती |
१९. हिन्दू धर्म मैं कर्म नहीं जाती प्रधान है |
२०. जब तक तुम हिन्दू धर्म के गुलाम रहोगे तुम्हारा स्थान सबसे नीचा रहेगा
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तुम हिन्दु क्यों नहीं हो ?

१. हिन्दु धर्म वर्णों का है तुम किसी भी वर्ण मैं नहीं आते हो, जबरदस्ती सबसे नीचे वर्ण मैं रखा है |
२. हिन्दु धर्म के कर्मकांडों को तुम्हे नहीं करने दिया गया और तुम नहीं कर सकते हो |
३. हिन्दु धर्म के भगवन उनके अवतार और उनके देवी देवता न तो तुम्हारे है और न तुम उनके हो |
४. इसलिए वे तुम्हारे साये से भी परहेज करते आये हैं और आज भी कर रहे है |
५. कुत्ते बिल्ली की पेशाब से उन्हें कोई परहेज नहीं है परन्तु तुम्हारे द्वारा दिए गए गंगा जल से अपवित्र हो जाते हैं|
६. उनकी पुनः शुद्धि गाये के मल-मूत्र से होती है |
७. हिन्दू धर्म के देवी देवता तुम्हारे पूर्वजों के हत्यारे हैं |
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सामाजिक स्तिथि

१. तुम्हें सम्मान, मानव अधिकार,सामान अधिकार,सामाजिक अधिकारों से वंचित रखा गया है
२. तुम अनार्य(हिन्दू) समाज की परिधि-रेखा के बहार के आदमी हो |
३. इसीलिए विद्या अर्जन तुम्हारे लिए वर्जित था
४. धन इकठ्ठा करना पाप था
५. शारीरिक क्षमता बढ़ाना मन था
६. राजनीती की बात तो सोचना स्वप्न मैं भी मना था,तुम्हारे हिस्से सिर्फ काम ही काम दिया गया|
७. तुहारी मुख्य समस्या तुम्हारी गरीबी नहीं बल्कि हिन्दू धर्म और समाज है, जिसमें जाती के आधार पर तुम्हारा धार्मिक, सामाजिक,आर्थिक एव राजनेतिक शोषण हो रहा है |

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१५ अगस्त १९४७


१. तुम्हारी विरासत पर तीन बाल हमला हुआ:
-आर्यों का
-मुसलमानों का
-अंग्रेजों का
२. तुम दूसरी और तीसरी गुलामी मैं फंस गए |
३. १५ अगस्त १९४७ को तुम्हें गुलाम बनाने वाले आजाद हो गए पर तुम्हे चार हज़ार वर्ष पूर्व गुलाम बनाने वालों ने तुम्हें आजाद नहीं किया |
४. तुम्हारी लड़ाई चंद अधिकारों की लड़ाई नहीं है ये तो आज़ादी की लड़ाई है |
५. इस लड़ाई के लिए मैंने तुम्हें महँ अस्त्र दिया है जो हिन्दुओं के ब्रह्मास्त्र से भी बड़ा है
६. ये अस्त्र है - एक व्यक्ति का एक वोट (मताधिकार)
७. रजा बनने के लिए रानी के पेट की जरूरत नहीं, तुम्हारे वोट की जरूरत है |
८. तुम अपने वोट से खुद राजा बन सकते हो |
९. तुम्हें जो आरक्षण मिला है ये किसी की दया या भीख नहीं है, ये तुम्हारा अधिकार है |
८. अधिकार मांगने से नहीं मिलता इसे छीनना होता है इसे छीन लो |
९. ऐसा करने मैं क़ुरबानी देनी होती है, जिस कौम में क़ुरबानी देने वाले नहीं वो कौम कभी आगे नहीं बाद सकती, क़ुरबानी दो आगे बढ़ो
१०.सावधान रहो अपने खिलाफ की जाने वाली साजिशों को पहचानो और विफल करो |
११. तुम्हें अपने पैर चाहिए बैसाखी नहीं |
१२. संस्कार मैं दिए गए सूअर , भेड़, बकरे, मुर्गे, जूता सिलने की मशीन तुम्हारा आर्थिक उथान नहीं कर सकेंगे |
१३. ये तुम्हारे और तुम्हारी आने वाली पीढ़ीयों को ख़राब करने की साजिश है, इसका बहिष्कार करो |
१४. पूना-पेक्ट की वजह से तुम्हारा राजनेतिक अधिकार बेमाने हो गए है |
१५. इससे तुम्हारा राजनेतिक प्रतिनिधित्व विकलांग ही नहीं बल्कि लक्वाग्रह्स्त गो गया है |
१६. नौकरी मैं आरक्षण पूरा न होने के कारन तुम्हारे लाखो-करोड़ों भाई बेकार है |
१७. इससे तुम्हारे समाज का लाखों करोड़ का नुक्सान हो रहा है, इस नुक्सान को बचाओ|
१८. याद रखो तुम्हारे प्रति जो सवर्णों का आकर्षण है वो प्रेम नहीं बल्कि तुम्हारे खो जाने का भय है |
१९. इक्कीसवीं सदी तुम्हारी होगी इसे कोई रोक नहीं सकता इस पर विश्वास करो |
२०. याद रखो अन्याय का विरोध सम्मान और अधिकार की प्राप्ति ही जीवन है |