tag:blogger.com,1999:blog-9086619770995441860.post5215726503307996089..comments2022-03-04T11:07:13.202-08:00Comments on अनार्य भारत: धर्म और समाजशकील प्रेम'http://www.blogger.com/profile/04585546273887740477noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-9086619770995441860.post-68477755770558864802011-09-05T04:37:40.905-07:002011-09-05T04:37:40.905-07:00एस. शकील जी, महर्षि सुश्रुत महान चिकित्सक थे, वात्...एस. शकील जी, महर्षि सुश्रुत महान चिकित्सक थे, वात्स्यायन ऋषि ने "कामसूत्र" पुस्तक की रचना करी थी साथ ही साथ वो चित्रकला में भी पारंगत थे. महर्षि मातंग कृषि और पशुपालन भी करते थे. इससे ये बात साबित नही होती की वो सब नीच कार्य करते थे.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9086619770995441860.post-558821064478134362011-09-05T02:57:23.124-07:002011-09-05T02:57:23.124-07:00शकील जी, मुझे ऐसा लग रहा है की आपसे दुबारा ग़लती ह...शकील जी, मुझे ऐसा लग रहा है की आपसे दुबारा ग़लती हो गई है. अरण्य कांड वाली चौपाई 35 नही 34 वें दोहे के बाद बोली जाती है. यहाँ पर ये बात भी पता होनी चाहिए की नारी के लिए इस प्रकार के वचन खुद "शबरी" राम को फल देते समय बोल रही है.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9086619770995441860.post-35697638146158947022011-09-05T02:23:42.111-07:002011-09-05T02:23:42.111-07:00शकील जी, मैं भी जाति वाद के पूरी तरह खिलाफ हूँ. औ...शकील जी, मैं भी जाति वाद के पूरी तरह खिलाफ हूँ. और चाहता हूँ की ये बीमारी जल्दी से जल्दी ख़त्म हो. जाति-वाद सिर्फ़ भारत में ही नही बल्कि चीन,कोरिया,जापान,श्री लंका,पाकिस्तान,यमन और युरोप के देशों मैं भी फैला हुआ है. वहाँ पर भी इसी तरह लोगो के साथ जाति के आधार पर भेदभाव होता है. लेकिन वहाँ पर तो हिंदू धर्म या इसकी किताबों को पढ़ा नही जाता. और ना ही वहाँ के लोग अपने आप को "आर्य" कहते हैं. @शकील जी जो बात अंबेडकर जी ने सोची और समझी वो सही है लेकिन आपका और हमारा भी यही फर्ज़ बनता है की हम और आगे की सोचें . देश के दुश्मन इन्ही चीज़ों का फायदा उठातें हैं.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9086619770995441860.post-24690761458018642952011-09-05T02:13:06.329-07:002011-09-05T02:13:06.329-07:00शकील जी, माफ़ कीजिए में अपनी बात का प्रमाण देना भू...शकील जी, माफ़ कीजिए में अपनी बात का प्रमाण देना भूल गया था. जो बात मैं भगवान गौतम बुद्ध के बारे में कही है वो बात आप भी विनय पीतका के कुल्लावग्गा खंड में देख सकतें हैं.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9086619770995441860.post-56413009787536082312011-09-05T02:03:13.791-07:002011-09-05T02:03:13.791-07:00शकील जी, तुलसीदास जी का आज जो भी नाम (यश) है उसके ...शकील जी, तुलसीदास जी का आज जो भी नाम (यश) है उसके पीछे उनकी पत्नी का ही योगदान था. रही बात नारी के लिए बोलने वाले वाक्यों की तो शायद आप ये भी जानते होंगे की बुद्धिस्ट ग्रंथ विनय पीतका के अनुसार गौतम बुद्ध ने कहा था की "नारी अशुध, भ्रष्ट और कामुक होती हैं." ये बात भी साफ - साफ लिखी गई है की वो "शिक्षा ग्रहण" नही कर सकती. मैने सिर्फ़ हिंदू ही नही बल्कि बुद्दिस्ट, इस्लामिक और ईसाइयत के सभी ग्रंथ पढ़ रखें हैं. ग़लतियाँ सब में हैं. लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल नही की कोई एक ही धर्म बुरा है.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9086619770995441860.post-32975137223623334222011-09-03T05:13:07.342-07:002011-09-03T05:13:07.342-07:00वो त्रुतिपूर्वक छप गया था जिसे मैंने ठीक कर दिया ह...वो त्रुतिपूर्वक छप गया था जिसे मैंने ठीक कर दिया है अब आप चैक कर लीजियेगा ३५ की जगह ६५ छाप गया था एक यही श्लोक नहीं है रामचरित मानस या हिन्दू धर्मशास्त्रों में नारी को अपमानित करने वाले aise hajaron aadesho se ye bhare pade है और udaharan dekhne ho to kripya soochit kijiyega .... आपका ब्लॉग पर आने के लिए और कमेन्ट करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवादशकील प्रेम'https://www.blogger.com/profile/04585546273887740477noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9086619770995441860.post-55243775089321604012011-09-03T04:33:27.684-07:002011-09-03T04:33:27.684-07:00शकील प्रेम जी "शूद्र" भी "सवर्ण&quo...शकील प्रेम जी "शूद्र" भी "सवर्ण" कहलाते हैं दलित नही. आपको ये पता होना चाहिए. "दलित" शब्द सबसे पहले १९वीं शताब्दी में ज्योतिराव फूले द्वारा इस्तेमाल किया गया.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9086619770995441860.post-61563412156502084602011-09-03T04:30:11.048-07:002011-09-03T04:30:11.048-07:00शकील प्रेम जी रामचरित मानस के अरण्य कांड में कोई अ...शकील प्रेम जी रामचरित मानस के अरण्य कांड में कोई अद्यय नही है. दोहे भी केवल ४६ हैं. मैने पूरा अरण्य कांड छान मारा लेकिन जो आपने बताया वो उसमे नही मिला. हाँ सुंदर कांड में नारी के उपर लिखा है लेकिन उसके बाद उसी सुंदर कांड में नारी की महानता का भी बखान किया है. धन्यवाद.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9086619770995441860.post-62698463394117813472011-09-01T03:54:06.731-07:002011-09-01T03:54:06.731-07:00आपका सम्मान करते हुए कहना है कि कुछ गड़बड़ है।आपका सम्मान करते हुए कहना है कि कुछ गड़बड़ है।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.com